Last Updated on: 13th January 2021, 03:49 pm
भारत त्यौहारों एवं किसानों का देश हैं. भारत में हर साल कम से कम 2000 त्यौहार मनाये जाते हैं. उन्ही त्यौहारों में से एक त्यौहार हैं मकर संक्रांति का त्यौहार। यह त्यौहार इसलिए महत्वापूर्ण हैं क्योकि भारत जैसे किसानों के देश में यह त्यौहार किसानों से ही सम्बंधित हैं।

मकरसंक्रांति मानाने का शुभ समय
यह त्यौहार एक विशेष संक्रांति के दिन पौष माह में मनाया जाता हैं. जिसे मकर संक्रांति कहा जाता हैं। इस दिन सूर्य उत्तरायण अर्तार्थ सूर्य दक्षिण दिशा के बदले उत्तर दिशा के तरफ गति करने लगता हैं. इस वक़्त सूर्य मकर राशि में भी प्रवेश करता हैं। सूर्य लगभग 6 माह उत्तरायण एवं 6 माह दक्षिणायन रहता हैं |
संक्रांति क्या होता हैं
हिन्दू धर्म के अनुसार राशियों की कुल संख्या 12 होती हैं. तथा सूर्य एक-एक करके इन सभी 12 राशियों में प्रवेश करता हैं. जिसे संक्रांति कहा जाता हैं. सूर्य की चार संक्रांति मेष, तुला, कर्क, एवं मकर मुख्य होती हैं. तथा, एक संक्रांति से दूसरे संक्रांति के बिच के अवधि को सौरमास कहा जाता हैं |
मकरसंक्रांति का महत्व
कहा जाता हैं की मकर संक्रांति एक जीवित संक्रांति हैं तथा भगवान् कृष्ण जी ने भी अर्जुन को संक्रांति का महत्व बताते हुए कहते हैं की जब सूर्य पूर्व से उत्तर की तरफ गमन करते हैं तो(उत्तरायण). यह काल देवताओं का होता हैं जो प्राणी इस समय प्राण त्यागते हैं वो ब्रह्म लोक को जाते हैं. और उनका जन्म दुबारा पृथ्वी लोक पे नहीं होता। इसलिए महाभारत युद्ध के समय भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने तक अपने प्राणों का त्याग नहीं किया था. जब सूर्य दक्षिणायन होते हैं तो यह समय पितरों का होता हैं|
ज्योतिषयों के अनुसार मकरसंक्रांति का महत्व
मकर संक्राति के दिन फल गुड़ तेल कम्बल छाता ,रेवड़ी ,गज़क आदि प्रसाद के रूप में चढ़ाना चाहिए। इन्ही चीज़ों का दान करना चाहिए जिससे शनि दोष एवं राहु-केतु के दोष के मुक्ति मिलती हैं एवं जीवन में सुख-समृद्धि आती हैं. मकरसंक्रांति को घी दान करके सूर्य एवं बृहस्पति को खुश किया जा सकता हैं|
मकरसंक्राति के त्यौहार मानाने की विधि –
मकर संक्रांति के दिन किसी ब्राह्मण से शुभ मुहरत पूछ ले उसके बाद इस मुहरत में पूजा शुरू करे. पूजा के लिए एक थाली में काली एवं सफ़ेद तिल के लड्डू आटा एवं हल्दी के मिश्रण पान सुपारी कुछ पैसे अगरबत्ती आदि पूजन सामग्री ले ले. महिलाये सर धक् ले और भगवान् सूर्य भगवान् की आराधना करे |
भगवान् सूर्य के आराधना हेतु मंत्र
भगवान् सूर्य को खुश करने हेतु मकर संक्रांति के दिन
“ॐ हरं ह्रीं ह्रौं सह सूर्याय नमः”
मंत्र का जापअपनी श्रद्धा के अनुसार 21 या 108 बार करे |
मकर संक्रांति का त्यौहार 2021 के लिए शुभ मुहर्त
हर वर्ष 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता हैं. कही कही यह 15 जनवरी को भी मनायाजाता हैं. इस वर्ष के लिए संक्रांति 8 :20 से लेकर शाम 5 :46 तक लगभग 9 घंटे 46 मिनट तक मनाया जायेगा। इस वर्ष पुण्य काल का मुहूर्त 08:03:07 से लेकर 12:30:00 तक 4 घंटे 26 मिनट का एवं महापुण्य काल का मुहूर्त 08:03:07 से लेकर 08:27:07 तक 24 मिनट का हैं. वही संक्रांति पल 08:03:07 पे हैं |
मकर संक्रांति का त्यौहार पे खाना पीना –
इस पर्व के दिन लोग दही चूड़ा तिलकुट तिलवा तिल के लड्डू इमरती हरी सब्जी चूड़ा के लाय (लड्डू)मुढ़ी के लड्डू तिल के लड्डू इत्यादि बड़े ही चाव से खाते हैं. इसके अलावा दिन लोग खिचड़ी भी बनाते हैं इसलिए मकर संक्रांति का त्यौहार खिचड़ी पर्व के नाम से भी जाना जाता हैं |
मकर संक्रांति का त्यौहार के अन्य नाम अथवा मिलते जुलते अन्यं त्यौहार
मकर संक्रांति का त्यौहार को अलग-अलग जगहों पे अलग अलग नामों से भी जाना जाता हैं जो निम्नलिखित हैं
- बिहार एवं उत्तरप्रदेश में मकर संक्रांति को चूड़ा-दही एवं खिचड़ी पर्व के नाम से जाना जाता हैं
- तमिलनाडु में इसी त्यौहार को पोंगल के नाम से जाना जाता
- कर्नाटक एवं आंध्रप्रदेश में इसे मकर संक्रमामा कहा जाता हैं
- गुजरात एवं राजस्थान में इसे उत्तरायण के नाम से पुकारा जाता हैं और पतंग प्रतियोगिता किया जाता हैं
- आसाम में फसल की कटाई एवं बुआई के ख़ुशी के मौके पे बिहू वर्ष में तीन बार मनाया जाता हैं
- पंजाब में लोहड़ी मनाया जाता हैं। लोहड़ी का हिंदी अर्थ तिल एवं गुड़ की रोटी होता हैं. लोहड़ी के बारे में एक प्रचलित कथा यह हैं की दुल्ला नमक एक डाकू ने सुंदरी एवं मुंदरी का विवाह करवा उन्हें एक किलो शक्कर भेट किया था|मक्के (Corn flour) की रोटी और सरसो का साग इस वक़्त तक हर घर में बन चूका होता है.
- हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा में महगी
- बुन्देल खंड में सकरात के नाम से यह पर्व मनाया जाता हैं
- आँध्रप्रदेश में इसे पेंडा पाँदुगा अर्तार्थ बड़ा उत्सव या पर्व के रूप में मनाया जाता हैं
- पश्चिम बंगाल में पौष संगक्रांति के नाम से गंगा सागर में इस पर्व के उपलक्ष्य में एक मेले के आयोजन किया जाता हैं एवं
- केरल में यह पर्व 40 दिनों तक चलता हैं |
- कश्मीर में इसे शिषिर सांक्रात एवं
- तमिलनाडु में इसे थाई पोंगल के नाम से पुकारा जाता हैं
भारत जे अलावा विदेशों में भी संक्रांति अलग-अलग नामों से मनाया जाता हैं. हम यहाँ उन देशों के नाम जहा संक्राति बनाया जाता हैं उसे लिख रहे हैं तथा उन देशों में संक्रांति किन नामों से मनाया जाता हैं वो भी लिख रहे हैं|
विदेशों में मकर संक्रांति का त्यौहार
- नेपाल में इसे माघ संक्रांति /माघी/ खिचड़ी संक्रांति एवं महगी के नाम से भी जानते हैं
- थाईलैंड में इसे सांग्कर्ण
- कम्बोडिया में मोहा संगकर्ण
- श्रीलंका में उझावर थिरुनाल एवं पोंगल
- लाओस में पि ला माओ
- बांग्लादेश में पौष संगक्रांति तथा
- म्यांमार में इसे थिन्ज्ञान के नाम से मनाया जाता हैं|
इस पर्व से सम्बंधित प्रचलित वाक्य –
बिहार में मकर संक्रांति के दिन घर के बड़ी महिलाये अपने से छोटो को काला तिल या तिल के लड्डू देते हुए तीन बार पूछती हैं की तिले- तिले बोयेगा जिसका अर्थ होता हैं की क्या तुम जीवन भर मेरे भार को उठाओगे जिसका जवाब बच्चे को देते हुए बच्चे ‘हाँ’ कहते हैं अर्थार्त वो आजीवन अपने घर वालों की सेवा करेंगे।
इसी तरह महाराष्ट्र में लोग तिल के लड्डू देते हुए एक दूसरे को “टिल-गुल घ्या, गोड गोड बोला”कहते हैं. मकर संक्रांति के दिन सूर्य की दिशा बदल जाती हैं। ज्योतिषों के अनुसार जिसका सीधा प्रभाव हमारे जीवन के ऊपर भी पड़ता हैं तो आइये अब जानते हैं वर्ष 2021 में पड़ने वाले प्रभाव |
इस वर्ष संक्रांति के दिन सूर्य चंद्र बुध गुरु एवं शनि मकर राशि में रहेंगे। जिसे पंचग्रही कहा जाता हैं। इस दिन सभी को नवग्रह के मन्त्रों का जाप करना चाहिए। जिससे की मनुष्यों के सभी बाधा का नाश होगा एवं मान सम्मान में बृद्धि होगी तथा जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में सफल होंगे|
मेष राशि – आर्थिक लाभ एवं बड़े लोगों का सहयोग मिलेगा |
बृषभ राशि – मंगल कार्य होंगे आर्थिक लाभ मिलेगा तथा संपत्ति में बृद्धि होगा |
मिथुन राशि – परिवार पे व्यय होगा स्वस्थ रहेंगे यात्रा करनी पद सकती हैं |
कर्क राशि– मान सम्मान में बृद्धि आर्थिक लाभ साझेदारी एवं व्यापर से लाभ मिलेगा रोग मुक्त रहेंगे |
सिंह राशि – आर्थिक लाभ मान सम्मान में बृद्धि एवं ह्रदय रोग की संभावना बानी रहेगी |
कन्या राशि – व्यापार में विस्तार एवं लाभ होगा यात्रा से धन लाभ की संभावना नेत्र रोग की संभावना हैं|
तुला राशि -तनाव न ले वाणी पे नियंत्रण रखे स्वस्थ के प्रति सचेत रहे व्यापार में आर्थिक लाभ|
वृश्चिक राशि – पिता की संपत्ति प्राप्ति के योग भाइयों से लाभ मिलेंगे संतान से लाभ एवं आय के साधन मिलेंगे|
धनु राशि – परिवार में प्रसन्नता बनी रहेगी आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी |
मकर राशि -पिता का सहयोग मिलेगा आर्थिक मजबूती आएगी स्वस्थ के प्रति सचेत रहे घमंड न करे |
कुम्भ राशि – खर्च बृद्धि दायी आँख में चोट की संभावना निर्णय सोच के ले परिवार में प्रसन्नता आएगी |
मीन राशि – आर्थिक वृद्धि एवं नए साधन मिलेंगे मानसिक सुख मिलेगा परिवार में खुश रहेंगे |
मकरसंक्रांति के आलावा अन्य महत्वपूर्ण संक्रांति
मेष संक्रांति
सूर्य के उत्तरायण की अपनी आधी यात्रा पूरी करने के बाद मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करता हैं जिसे मेष संक्रांति कहते हैं। चंद्रमास के अनुसार यह बैशाख माह के शुरुआत के दिन होते हैं। जिसे पंजाब में बैशाखी के नाम से मनाया जाता हैं। यह रबी के फसल पकने के उपलक्ष्य पे मनाया जाता हैं। इसलिए इसे खेती का पर्व भी कहा जाता हैं|
तुला संक्रांति
अक्टूबर माह के मध्य में सूर्य तुला राशि में प्रवेश कर जाता हैं। जिसे तुला संक्रांति के नाम से जाना जाता हैं तुला संक्रांति या तुला संक्रमण का महत्व कर्नाटक में अत्यधिक हैं। इस समय कावेरी नदी के तट पे तीर्थोद्भव नाम के मेला का आयोजन किया जाता हैं। तथा अन्य भागों में गणेश चतुर्दशी एवं कार्तिक स्नान की शुरुआत की जाती हैं|
कर्क संक्रांति
जुलाई के मध्य माह में सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश कर जाती हैं। तथा सूर्य दक्षिणायन हो जाते हैं और 6 मास तक दक्षिणायन ही रहते हैं। इस काल को याम्यायनं भी कहा जाता हैं। एवं इस काल में विवाह मुंडन जैसे शुभ कार्य वर्जित हैं। तथा इस काल देवताओं को लिए भी रात्रि काल कहा गया हैं |
Sankranti wishes in Hindi
May this Makar Sankranti fill your life with joy, happiness, and love. Wishing you and your family a very Happy Makar Sankranti.
आपको और आपके सम्पूर्ण परिवार को मकर संक्रांति की बहुत बहुत शुभकामनाये।
ईश्वर करे इस संक्रांत पर आपके जीवन में बहुत सारी खुशिया और विभव प्राप्त हो. आपको एवं आपके परिवार को मकर संक्रांति की शुभकामनाये।
इस मकर संक्रांति के अवसर पर ईश्वर आपको और आपके परिवार को सुख समृद्धि प्रदान करे।
इस पवित्र मकर संक्रांति पर आपका जीवन भी सुख और समृद्धि की तरफ दिशा बदले।
२०२१ की मकर संक्राति आपके जीवन में खुशिया और समृध्दि लाये
भगवान् करे इस मकर संक्रांति पर आपके जीवन की सभी निराशा और दुःख ख़तम हो जाये और बहुत सी स्थाई खुसिया आपके जीवन को सरोबार कर दे.
मकर संक्रांति का ये त्यौहार आपको खुशियों और उल्लास से भर दे.
मकर संक्रांति पर जैसे सूरज दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करता है वैसे ही आपका जीवन भी खुशियों भरे प्रकाश में प्रवेश करे।
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